शाबाश! सुरहा की ज्योति ने मध्य प्रदेश में लहराया परचम

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),5 मार्च 2018। सच्ची लगन, कठिन परिश्रम, विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यह कहना है जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र के सुरहा गांव निवासी मध्यप्रदेश के सीहोर जिला के सिविल जज के पद पर आरुढ़ ज्योति चतुर्वेदी का। जिले के भदौरा क्षेत्र पंचायत के प्रथम ब्लाक प्रमुख रहे स्व.चतुर्भूज चौबे की सुपौत्री ज्योति चतुर्वेदी ने 27 वर्ष की उम्र में पीसीएस जे 2016 की परीक्षा उत्तीर्ण कर सीहोर जिले में सिविल जज बन अपने परिवार व क्षेत्र सहित जिले का नाम रोशन किया है। सिविल जज बनने के बाद रविवार चार मार्च को ज्योति चतुर्वेदी के पहली बार गांव पहुंचने पर ग्राम प्रधान प्रद्युम्न चौवे ने स्मृति चिन्ह देकर हौसलाअफजाई की तो ग्रामवासियों ने उनका स्वागत कर अभिभूत कर दिया।उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने दादा को देते हुए बताया कि दादाजी ने सदैव मेहनत के बल पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उनके विश्वास का ही नतीजा है कि मैं अपने लक्ष्य तक पहुंच सकी।उन्होंने बताया कि भोपाल से 2005 में हाईस्कूल और 2007 में इंटरमीडिएट करने के उपरांत भोपाल के ला यूनिवर्सिटी से 2012 में एलएलबी और फिर 2014 में नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल से एलएलएम की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने दो साल कड़ी मेहनत के बाद अपने तीसरे प्रयास में 2016 की पीसीएस जे परीक्षा में कामयाबी पायी और फिर इन्होंने 30 दिसंबर 2017 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिला के सिविल जज एवं मजिस्ट्रेट के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया।ज्योति चतुर्वेदी का मानना है कि आज भी महिलाएं अपने अधिकार के प्रति पूरी तरह जागरूक नही हो पायी हैं जिसके चलते वे उचित स्थान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने तथा महिला अपराधों पर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की वकालत की ताकि महिलाएं भी आत्मविश्वास के साथ समाज में अपना यथोचित स्थान बनाकर समाज को दिशा दे सके।उनका कहना है कि यदि उन्हें उचित मौका मिला तो वे महिलाओं के हक व अधिकार के लिए कार्य करेंगी। उल्लेखनीय है कि ज्योति के पिता जगत मोहन चतुर्वेदी भोपाल के विशेष न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं।अपने तीन भाई बहनों में ज्योति चतुर्वेदी सबसे बड़ी है। इनसे छोटे भाई रंजन चतुर्वेदी इंजीनियरिंग की तो उनसे छोटे भाई रवि चतुर्वेदी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं।

जिले का होगा चहुंमुखी विकास- मनोज सिन्हा

रेल मार्ग के साथ जल मार्ग व वायु मार्ग भी होंगे संचालित – मनोज सिन्हा

गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने में गाजीपुर भी कंधे से कंधा मिलाकर जी जान से भागीदारी निभा रहा है। यह प्रयास है कि गाजीपुर सड़क व रेल मार्ग के साथ ही साथ जल मार्ग तथा वायु मार्ग मार्ग से भी पूरी तरह जुड़ जाए। उक्त वक्तव्य रेल राज्य व दूरसंचार मंत्री स्वतंत्र प्रभार मनोज सिन्हा ने रविवार को फतेहपुर अटवां हाल्ट स्टेशन के सुंदरीकरण का उद्घाटन करने के उपरांत व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं को देखते हुए फतेहपुर अटवा हाल्ट स्टेशन पर तीन जोड़ी ट्रेनों के रुकने की व्यवस्था की गई है ताकि यहां के लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।विकास की चर्चा करते हुए उन्हो‍ने कहा कि कई रेेेल मार्गो पर दोहरीकरण का कार्य जारी है। शीघ्र ही इन रेल मार्गों पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ेगी और शीघ्र ही ग्रामीण स्टेशनों पर भी वाई-फाई की सुविधा मिलनी आरम्भ हो जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2021 तक न्यू इंडिया बनाने के सपने को साकार करने के क्रम में गाजीपुर का विकास कर हम न्यू गाजीपुर बनायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि गाजीपुर से हवाई सेवा भी संचालित हो,इसके लिए शीघ्र हवाई अड्डे का भी शिलान्यास होगा।जल मार्ग की चर्चा करते हुए कहा कि 178 करोड़ रुपये की लागत से जल्ला्पुर में छोटा बंदरगाह बन रहा है जिससे इस क्षेत्र की जनता को काफी सुविधाएं मिलेगी।फतेहपुर अटवां हाल्ट के उद्घाटन का सेहरा मनोज सिन्हा ने धनेश बिंद को बांधा ,कहा कि यह इन्ही की देन है कि इस स्टेशन पर दो डीएमयू व पैसेंजर ट्रेन हाल्ट करेगी। रेलवे महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल द्वारा अतिथियों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।इस मौके पर सदर विधायक डा. संगीता बलवंत, मुहम्मदाबाद विधायक अलका राय, एमएलसी द्वय केदारनाथ सिंह व चेतनारायण सिंह, नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, कृष्णी बिहारी राय, रामनरेश कुशवाहा, रमेश सिंह पप्पू सहित काफी संख्या में क्षेत्रीय गणमान्यजन उपस्थित रहेे।। समारोह की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने किया।

दिशाओं के नाम

वाराणसी(उत्तर प्रदेश),3 मार्च 2018।हिन्दू धर्मानुसार दिशाएं 10 होती हैं जिनके क्रम हैैं – उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो।उपरोक्त
प्रत्येक दिशा का एक देवता स्वामी होता है जिसे ‘दिग्पाल’ कहा गया है।ये दिग्पाल हैं- उर्ध्व के ब्रह्मा, ईशान के शिव व ईश, पूर्व के इंद्र, आग्नेय के अग्नि या वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्य के नऋति, पश्चिम के वरुण, वायव्य के वायु और मारुत, उत्तर के कुबेर और अधो के अनंत।
1. उर्ध्व दिशा – उर्ध्व दिशा सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिशा है जिसके देवता ब्रह्मा हैं। आकाश ही ईश्वर है। जो व्यक्ति उर्ध्व मुख होकर प्रार्थना करते हैं उनकी प्रार्थना में असर होता है। वेदानुसार मांगना है तो ब्रह्म और ब्रह्मांड से मांगें, किसी और से नहीं। वह सब कुछ देने में सक्षम हैं।

वास्तु – घर की छत, छज्जे, उजालदान, खिड़की और बीच का स्थान इस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। आकाश तत्व से हमारी आत्मा में शांति मिलती है। इस दिशा में पत्थर फेंकना, थूकना, पानी उछालना, चिल्लाना या उर्ध्व मुख करके अर्थात आकाश की ओर मुख करके गाली देना वर्जित है। इसका परिणाम घातक होता है।

@ 2. ईशान दिशा – पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान दिशा कहते हैं। वास्तु अनुसार घर में इस स्थान को ईशान कोण कहते हैं। भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा के स्वामी ग्रह बृहस्पति और केतु माने गए हैं।

वास्तु अनुसार – घर, शहर और शरीर का यह हिस्सा सबसे पवित्र होता है इसलिए इसे साफ-स्वच्छ और खाली रखा जाना चाहिए। यहां जल की स्थापना की जाती है जैसे कुआं, बोरिंग, मटका या फिर पीने के पानी का स्थान। इसके अलावा इस स्थान को पूजा का स्थान भी बनाया जा सकता है। इस स्थान पर कूड़ा-करकट रखना, स्टोर, टॉयलेट, किचन वगैरह बनाना, लोहे का कोई भारी सामान रखना वर्जित है। इससे धन-संपत्ति का नाश और दुर्भाग्य का निर्माण होता है।

@@ 3. पूर्व दिशा – ईशान के बाद पूर्व दिशा का नंबर आता है। जब सूर्य उत्तरायण होता है तो वह ईशान से ही निकलता है, पूर्व से नहीं। इस दिशा के देवता इंद्र और स्वामी सूर्य हैं। पूर्व दिशा पितृस्थान का द्योतक है।

वास्तु – घर की पूर्व दिशा में कुछ खुला स्थान और ढाल होना चाहिए। शहर और घर का संपूर्ण पूर्वी क्षेत्र साफ और स्वच्छ होना चाहिए। घर में खिड़की, उजालदान या दरवाजा रख सकते हैं। इस दिशा में कोई रुकावट नहीं होना चाहिए। इस स्थान में घर के वरिष्ठजनों का कमरा या कोई भारी सामान या सीढ़ियां नहीं बनवानी चाहिए।
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4. आग्नेय दिशा – दक्षिण और पूर्व के मध्य की दिशा को आग्नेय दिशा कहते हैं। इसके अधिपति अग्निदेव हैैं और शुक्र इस दिशा के स्वामी हैं।

वास्तु – घर में यह दिशा रसोई या अग्नि संबंधी (इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि) के रखने के लिए विशेष स्थान है। आग्नेय कोण का वास्तुसम्मत होना निवासियों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। आग्नेय कोण में शयन कक्ष या पढ़ाई का स्थान नहीं होना चाहिए। इस दिशा में घर का द्वार भी नहीं होना चाहिए। इससे गृहकलह और स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं उत्पन्न होती हैैं।

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5. दक्षिण दिशा – दक्षिण दिशा के अधिपति द यमराज हैं । दक्षिण दिशा में वास्तु के अनुसार निर्माण करने से सुख, संपन्नता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

वास्तु – वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में मुख्‍य द्वार नहीं होना चाहिए। इस दिशा में घर का भारी सामान रखना चाहिए। इस दिशा में दरवाजा और खिड़की नहीं होना चाहिए। यह स्थान खाली भी नहीं रखा जाना चाहिए। इस दिशा में घर के भारी सामान रखें। शहर के दक्षिण भाग में आपका घर है तो वास्तु के उपाय करें।

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6. नैऋत्य दिशा – दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य कहा गया है। यह दिशा नैऋत देव के आधिपत्य में है। इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं।

वास्तु – इस दिशा में पृथ्वी तत्व की प्रमुखता है इसलिए इस स्थान को ऊंचा और भारी रखना चाहिए। नैऋत्य दिशा में द्वार व गड्ढे, बोरिंग, कुएं इत्यादि नहीं होने चाहिए।

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7. पश्चिम दिशा – पश्चिम दिशा के देवता वरुण देव तथा स्वामी शनि देेव हैं।यह स्थान सिद्धि, भाग्य और ख्याति की प्रतीक है। इस दिशा में घर का मुख्‍य द्वार होना चाहिए।

वास्तु – यदि पश्‍चिम दिशा में मुख्य द्वार है तो द्वार को अच्छे से सजाकर रखें। द्वार के आसपास की दीवारों पर किसी भी प्रकार की दरारें न आने दें और इसका रंग गहरा रखें। घर के पश्चिम में बाथरूम, टॉयलेट, बेडरूम नहीं होना चाहिए। यह स्थान न ज्यादा खुला और न ज्यादा बंद रख सकते हैं।

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8. वायव्य दिशा – उत्तर और पश्चिम दिशा के मध्य में वायव्य दिशा का स्थान है। इस दिशा के देव वायुदेव हैं और इस दिशा में वायु तत्व की प्रधानता रहती है।

वास्तु : यह दिशा पड़ोसियों, मित्रों और संबंधियों से आपके रिश्तों पर प्रभाव डालती है। वास्तु ज्ञान के अनुसार इनसे अच्छे और सदुपयोगी संबंध बनाए जा सकते हैं। इस दिशा में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होना चाहिए। इस दिशा के स्थान को हल्का बनाए रखें। खिड़की, दरवाजे, घंटी, जल, पेड़-पौधे से इस दिशा को सुंदर बनाएं।

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9. उत्तर दिशा – उत्तर दिशा के अधिपति धन

के देव कुबेर हैं । बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी हैं। उत्तर दिशा को मातृ स्थान भी कहा गया है।

वास्तु – उत्तर और ईशान दिशा में घर का मुख्‍य द्वार उत्तम होता है। इस दिशा में स्थान खाली रखना या कच्ची भूमि छोड़ना धन और समृद्धिकारक है। इस दिशा में शौचालय, रसोईघर रखने, कूड़ा-करकट डालने और इस दिशा को गंदा रखने से धन-संपत्ति का नाश होता है।

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10. अधो दिशा – अधो दिशा के देवता शेषनाग

हैं जिन्हें अनंत भी कहते हैं। घर के निर्माण के पूर्व धरती की वास्तु शांति की जाती है। अच्छी ऊर्जा वाली धरती का चयन किया जाना चाहिए। घर का तलघर, गुप्त रास्ते, कुआं, हौद आदि इस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वास्तु – भूमि के भीतर की मिट्टी पीली हो तो अति उत्तम और भाग्यवर्धक होती है। आपके घर की भूमि साफ-स्वच्छ होना चाहिए। जो भूमि पूर्व दिशा और आग्नेय कोण में ऊंची तथा पश्चिम तथा वायव्य कोण में धंसी हुई हो, ऐसी भूमि पर निवास करने वालों के सभी कष्ट दूर होते रहते हैं।

ज्ञान मंथन!कुछ सीप – कुछ मोती

* ब्रह्मांड – एक ।

* काल – दो — दिन और रात ।

* त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश ।
* गुण – तीन सत , रज व तम ।
* त्रिदोष वात, पित्त कफ

* त्रिलोक आकाश लोक, मृत्यु लोक व पाताल लोक

* जीव – तीन – जलचर, नभचर व थलचर ।

* वर्ण – चार – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र ।

* आश्रम – चार – ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास ।

* फल (पुरुषार्थ) – चार – धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष ।

* वेद – चार – ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
तथा यजुर्वेद ।

* पंचतत्व – पृथ्वी,जल,वायु,आकाश व अग्नि ।

* पंचामृत – दूध, दहीं, घी, मधु व मीठा ।

* पंच शत्रु – काम, क्रोध, मोह, लोभ व

अहंकार ।

* शास्त्र – छः – वेदांग, सांख्य, निरूक्त,
व्याकरण, योग व छंद ।

* दिवस (वार) – सात – सोमवार, मंगलवार, वुधवार, वृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार ।

* नदियां – सात – गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु व कावेरी ।

* महासागर – सात – क्षीरसागर, दधिसागर, घृतसागर, मथानसागर, मधुसागर, मदिरासागर व लवणसागर ।

* द्वीप – सात – जम्बू द्वीप, पलक्ष द्वीप, कुश द्वीप, पुष्कर द्वीप ,शंकर द्वीप, कांच द्वीप व शालमाली द्वीप ।

* धातु (अष्टधातु) – स्वर्ण, चांदी, तांबा, लौह, शीशा, कांस्य, पीतल व रांगा ।

*ग्रह (नवग्रह) – सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु व केतू ।

* दिशाएं – दस – उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर व अधो ।

* भक्ति (नवधा भक्ति) – श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चना, वंदना, मित्र, दास्य व आत्मनिवेदन ।

* राशियाँ – बारह – मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्र्चिक, धनु, मकर, कुम्भ व मीन ।

* चौदह रत्न – अमृत, ऐरावत हाथी, कल्पवृक्ष, कौस्तुभ मणी, उच्चै:श्रवा अश्व, पांचजन्य शंख, चंद्रमा, धनुष, कामधेनु गाय, धनवंतरी, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी माता, वारुणी व वृष ।

* चौदह भुवन – तल, अतल, वितल, सुतल, रसातल, पाताल, भुवलोक, भुलोक, स्वर्ग, मृत्युलोक, यमलोक, वरुणलोक, सत्यलोक व ब्रह्मलोक ।

* तिथियां – पन्द्रह – प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी व अमावस्या/ पूर्णिमा ।

* श्रृगांर (स्त्रियोचित) – बिंदी, गजरा, टीका, सिंदूर, काजल, मंगलसूत्र, लाल वस्त्र, मेहंदी, बाजूबंद, नथ, कर्ण कुंडल, चूड़ी, कमरबंद, अंगूठी, पायल तथा बिछुआ।

* पुराण – अठारह – मत्स्य पुराण, मार्कण्डेय पुराण, भविष्य पुराण, भगवत पुराण, ब्रह्मांड पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म पुराण, वामन पुराण, वराह पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण, लिंग पुराण, गरुड़ पुराण, कूर्म पुराण व स्कंद पुराण ।

* नक्षत्र – सत्ताइस – अश्र्विन, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पूनर्वसु, पुष्य,आश्लेषा, मघा, पूर्व फाल्गुनी, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, जयेष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपक्ष, उत्तरा भाद्रपक्ष व रेवती ।

बधाई!पीजी कालेज की टीम ने किया नाम रोशन

ग़ाज़ीपुर(उत्तर प्रदेश),27 फरवरी 2018।प्रादेशिक रोवर्स/रेजर्स समागम 2018 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए स्थानीय पीजी कालेज की रोवर्स/रेजर्स टीमअपने शानदार प्रदर्शन के बल पर प्रदेश की विजेता बन जिले का नाम रोशन किया है।इस टीम को चैम्पियन घोषित किया गया।उल्लेखनीय है कि गत 24 से 26 फरवरी तक बुन्देलखण्ड महाविद्यालय, झाॅसी में सम्पन्न समारोह मेें कालेज का प्रतिनिधित्व डा. मनोज कुमार मिश्र व अशोक कुमार सिंह ने किया। डाॅ. मिश्र ने बताया कि हमारी टीमों ने सभी प्रतियोगिताओं में अपना उच्च स्तरीय प्रदर्शन बरकरार रखा जिसकी बदौलत हमें विजय मिली। टीम के विजेता बनने पर प्राचार्य डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने टीम का माल्यार्पण कर उत्साह वर्धन किया। प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को उनकी सफलता पर बधाई दी। उक्त अवसर पर डाॅ. समर बहादुर सिंह, डाॅ. अनुराग सिंह, डाॅ. उषा भरती, डाॅ. शिप्रा श्रीवास्तव, शरद चन्द्र पाल, अमितेश सिंह, प्रदीप कुमार सिंह , सुनील कुमार सहित कालेज के स्टाफ व छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।

आघात!नहीं रही फिल्म इंडस्ट्री की नगिना

लखनऊ 25 फरवरी 2018। भारतीय सिने प्रेमियों की धड़कन रही फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी 54 वर्ष का बीती रात दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर की पत्नी व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ फिल्मी अदाकार श्रीदेवी ने अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी है। दक्षिण की फिल्मों से लेकर हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली श्रीदेवी अपने परिवार के साथ अपने भतीजे मोहित मारवाह के विवाह समारोह में शामिल होने दुबई गई थीं जहां हृदयाघात के चलते श्रीदेवी की मृत्यु हो गयी। विवाह समारोह में श्रीदेवी और उनकी छोटी बेटी खुशी दुबई में रूकी थीं जबकि उनकी बड़ी बेटी जाह्नवी अपनी फिल्म की शूटिंग की वजह से मुंबई में मौजूद थीं।

श्रीदेवी की यह तस्वीर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो रही है परन्तु अबतक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ज्ञातव्य है कि श्रीदेवी का निधन कल रात दुबई के Emirates Towers होटल में रात्रि 11 बजे हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद वो बाथरूम में गिर गई थीं।इसके तत्काल बाद उन्हें दुबई के राशिद हॉस्पिटल ले जाया गया था। दुबई पुलिस पूरे मामले की जांच करने के लिए फोरेंसिक सेन्टर ले गयी। घटना की जानकारी पर श्रीदेवी के फैंस दुबई फोरेंसिक सेंटर के बाहर जमा हो गए।

बोलेरो के धक्के से एक व्यक्ति की मौत

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),24 फरवरी 2018। सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के विशेश्वर गंज में अल सुबह बोलेरो के धक्के से जहां एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गयी वहीं एक व्यक्ति गंभीर रुप से घायल हो गया। बताया गया है कि शहर के विशेश्वरगंज निवासी गंगा 35 वर्ष शनिवार की भोर में लघुशंका के लिए घर से बाहर निकले थेे,उसी समय एक व्यक्ति रौजा जानेे का मार्ग पूछने लगा।उसी दौरान तेज गति से जा रही बोलेरो ने दोनों को धक्का मार दिया और चालक बोलेरो सहित भाग निकला।
जिससे पता पूछ रहे व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गयी और गंगा गंभीर रुप से घायल हो गया। गंगा का इलाज जिला चिकित्सालय में जारी है।मृतक की शिनाख्त जमानियां कोतवाली थाना क्षेत्र के जीवपुर निवासी बलवंत सिंह 40 वर्ष के रूप में की गयी है। घटना की सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टकमार्टम के लिए भेज दिया।

दो बाइक लूटेरे गिरफ्तार

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),23 फरवरी 2018। अपराधों पर रोकथाम व अपराधियों की धर पकड़ हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाये जा रहे अभियान के तहत शुक्रवार की सुबह जमानियां कोतवाली पुलिस ने दो अपराधियों को धर दबोचा। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी सोमेन वर्मा ने प्रेसवार्ता में बताया कि टिसौरा गांव निवासी रामानुज राय की मोटरसाइकिल , मोबाइल तथा 77 सौ रुपया चौदह फरवरी को लूट लिया गया था। अपराधियों की टोह में लगी जमानियां कोतवाली पुलिस को बजरिये मुखबिर सूचना मिली कि बाइक लूट के आरोपी कहीं भागने की फिराक में हैं।कोतवाली प्रभारी राजा राम हमराहियों के साथ सैय्यद बाबा मजार के पास वाहन चेकिंग के दौरान आज 23 फरवरी की सुबह 6.30 बजे शहीद बाबा मजार चौराहे के पास वाहन चेकिंग के दौरान कंचन निषाद निवासी जीवपुर,ओमप्रकाश उर्फ़ विधायक यादव निवासी मतसा को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेकर लुटी गयी बाईक, मोबाईल व 2000 रूपया नगद बरामद कर लिया|

कलंक! आतंकी संलिप्तता के फेर में जिले का एक युवा चढ़ा खुफिया एजेंसी के हत्थे

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),23 फरवरी 2018। संदिग्ध आतंकियों की आंच से जिला एक बार फिर सुलगने लगा है। बताया जा रहा है कि लगभग चार दिनों से उरई के एक होटल में ठहरे युवक की संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पुलिस ने जालौन के उरई क्षेत्र से उक्त संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा के अनुसार संदिग्ध युवक के जालौन के उरई से पकड़ने की जानकारी मिली है ।उसके पास से बरामद आधार कार्ड से उसकी शिनाख्त जिले के सैदपुर भीतरी गाँव निवासी आफताब अहमद पुत्र इकबाल अहमद के रूप में हुई है।आंतकी संगठन से जुड़े होने की संभावना पर उसे पुलिस नेे अपनी गिरफ्त मेें लिया है।खुफिया एजेंसी ने आतंकी संगठन से युवक के संबंधों की संंलिप्तता की जानकारी के क्रम मेंं गाजीपुर में जांंच शुरू कर दी है।खुफिया एजेंसी आफताब के वास्तविक नाम, पता,कार्य तथा उसके सम्बन्धों के टोह मेंं जूट गयी है। इसके अतिरिक्त उसका संबंध आतंकी शेख अली से होने की भी संभावना की चर्चा जोरों पर हो रही है। पुलिस द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की है। वास्तविकता क्या है यह तो जांच के उपरांत ही निर्णित होगा पर कलंक की कालि से जिलेे का वुद्धिजीवी वर्ग काफी चिंतित है।

बधाई!अमरनाथ तिवारी बने गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),22 फरवरी 2018 ।साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी अमर को भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गंगा निर्मलीकरण अभियान के अंतर्गत जिला गंगा सुरक्षा समिति प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। जनपद में गंगा की सुरक्षा, स्वच्छता एवं पर्यावरण की शुद्धता हेतु भारत सरकार द्वारा गठित इस समिति में अमरनाथ तिवारी को सदस्य बनाये जाने पर समाजसेवियों ने हर्ष व्यक्त किया हैै। रेल मंत्रालय के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य हरिनारायण हरीश के यहां साहित्य चेतना समाज की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि विगत तीन दशकों से साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले श्री तिवारी के मनोनयन से जनपद के साहित्यकारों तथा बुद्धिजीवियों में हर्ष व्याप्त है। लोगों ने श्री तिवारी को बधाई देते हुए विश्वास जताया

कि उनके मनोनयन से समिति व समाज को निश्चित लाभ मिलेगा। बैठक में प्रमुख रूप से डॉ.रवि नंदन वर्मा, धीरज पांडे, प्रभाकर त्रिपाठी, हरि नारायण हरिश सहित काफी लोग मौजूद रहे।